बोरिंग रोड चौराहे पर दिखेगा कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल
इस बार बोरिंग रोड चौराहे का पंडाल कुछ इस तरह ही दिखेगा।
पटना, वरीय संवाददाता। शहर में शारदीय नवरात्र पूजनोत्सव के लिए माता की प्रतिमा व पंडाल बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बोरिंग रोड चौराहा पर हर वर्ष पटनावासियों को थीम बेस्ड पंडाल, मूर्तियां और लाइटिंग देखने को मिलती हैं।
कोरोना संक्रमण से राहत मिलने के बाद इस बार बोरिंग रोड में कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल देखने को मिलेगा। इसके निर्माण के लिए कलाकारों की टीम को पश्चिम बंगाल के मधुपुर से बुलाया गया है। जबकि पंडाल के मुख्य कलाकार की जिम्मेवारी पटना संपतचक के मंटू कुमार को दी गयी है। पंडाल तीन हजार वर्गफीट में होगा। इसकी ऊंचाई 60 फीट और चौड़ाई 50 फीट होगी। पंडाल को देखने के लिए 10 से 12 लाख लोग आते रहे हैं।
मां के साथ भैरवनाथ की पूजा बोरिंग रोड चौराहा पर मां के आशीर्वादी रूप की पूजा होती है। यहां की विशेषता है कि यहां मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, कार्तिकेय के प्रतिमा के साथ-साथ भैरवनाथ के पिंड की पूजा-अर्चना होती है। आयोजकों का दावा है कि यह पटना की पहली पूजन समिति है जहां मां के साथ-साथ भैरव की भी पूजा होती है। आरती होती है और भोग लगाया जाता है। इस वर्ष मां की प्रतिमा पांच भाग में तैयार होगी। लक्ष्मी, गणेश, कार्तिकेय और सरस्वती अलग-अलग फ्रेम पर रहेंगी। जबकि मां दुर्गा राक्षस का संहार करते हुए एक फ्रेम पर रहेंगी। माता के शृंगार और साज कोलकाता से मंगाये जा रहे हैं।
हलवा, खीर और खिचड़ी होगा प्रसाद
बोरिंग रोड चौराहे पर मां को भोग लगाने के बाद बड़े पैमाने पर प्रसाद वितरण होता है। सप्तमी तिथि को हलवा, अष्टमी को खीर और नवमी को खिचड़ी का भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरित होता है। भोग वितरण समिति की तरफ से 40 किलो होता है। इसके अलावा समिति से जुड़े सदस्यों और मन्नत पूरी होने के बाद कई लोगों द्वारा स्वेच्छा से भोग वितरित किया जाता है।
लाइटिंग का शानदार इंतजाम
पूजा समिति के चारों ओर लगभग एक किलोमीटर के दायरे में लाइट की शानदार व्यवस्था की जा रही है। पूजा समिति के अध्यक्ष कहते हैं कि बोरिंग रोड चौराहे से लेकर सतेन्द्र बाबू के घर तक और मांटेसरी स्कूल तक फिक्सड लाइट लगायी जाएगी।
ये हैं समिति सदस्य
अध्यक्ष उमेश सिंह चंद्रवंशी
महासचिव प्रभात कुमार
उपाध्यक्ष राजेश कुमार
सचिव राजेश राज
सह-सचिव विपिन कुमार
सदस्य संजीव कुमार, अभिषेक कुमार, सचिन कुमार, गोपाल कुमार, बिनोद
नयापन देने के लिए बदलते हैं कलाकार
पंडाल और मूर्ति निर्माण करने वाले कलाकार कुछ सालों में बदलने की परंपरा रही है। पूजा समिति के अध्यक्ष बताते हैं कि कलाकारी में एकरूपता से बचने और नयापन देने के लिए ऐसा किया जाता है। यहां दानापुर, कोलकाता के कलाकार, आर्ट कॉलेज के छात्र भी मां की प्रतिमा का निर्माण कर चुके हैं। फिलहाल पटना के शिवशंकर पंडित प्रतिमा निर्माण कर रहे हैं।
38 वर्ष से स्थापित हो रही प्रतिमा
बोरिंग रोड चौराहा पर पूजा समिति द्वारा बीते 38 सालों से माता की प्रतिमा बैठायी जा रही है। इसकी स्थापना वर्ष 1983 में हुई थी। 1982 में पूजा के दौरान चौराहा पर सुनसान देखकर उमेश सिंह चंद्रवंशी के साथ बॉब मेहता, अनिल वर्मा, शेखर किशोर, राकेश रंजन आदि ने चौराहा पर पूजा शुरू करने का संकल्प लिया।
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