मधेपुरा में दर्दनाक हादसा, करंट की चपेट में आने से तीन मजदूर समेत 4 की मौत
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मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज के बुधमा ओपी अंतर्गत सिनवारा गांव में शनिवार को करंट की चपेट में आने से एक के बाद एक चार लोगों की मौत हो गयी। शौचालय की टंकी का शटरिंग खोलने के दौरान चारों लोग चपेट में आ गए थे। मौत के शिकार हुए लोगों में एक घर का मालिक और तीन मजदूर हैं।
महेश्वरी मंडल और गोनर मंडल ने अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया था। शौचालय की टंकी का शटरिंग खोलने के लिए मजदूरों को बुलाया गया था। शटरिंग खोलने के दौरान पैर फिसलने से एक मजदूर के हाथ से बिजली का तार व बल्व छूट गया। तार और बल्व टंकी के बनाए गए पानी भरे गड्ढे में गिर गए। इससे पानी में करंट फैल गया। माहेश्वरी मंडल हौद में नीचे उतरा तो करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी।
काफी देर तक गृहस्वामी के बाहर नहीं आने पर शटरिंग खोलने आए मजदूर दीनानाथ राम नीचे उतरा। करंट से उसकी भी मौत हो गयी। दोनों के बाहर नहीं निकलने पर बाकी बचे दो मजदूर नवल किशोर राम और नीतीश कुमार बारी-बारी से दोनों को देखने गए। वे दोनों भी करंट की चपेट में आ गए। करंट लगने से दोनों मजदूरों के चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे आस- पास के लोगों ने देखा कि तीन लोगों की मौत हो गयी है। नीतीश राम बेहोश होकर जमीन पर गिरा हुआ मिला। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए नीतीश कुमार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। डॉक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया। गांव में मातम पसरा है। घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष जयप्रकाश चौधरी, सीओ मनोरंजन कुमार मधुकर, बुधमा ओपी अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंहा आदि ने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी ली। सीओ ने बताया कि मृतकों के परिजनों को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मधेपुरा के टीपी कॉलेज परीक्षा केंद्र पर रविवार को दूसरी पाली में दरोगा भर्ती परीक्षा के दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी सहित कुल 3 को पुलिस ने गिरफ्तार किया. गिरफ्तार युवक तुरकाही निवासी केशव कुमार के बदले सत्यम कुमार परीक्षा दे रहा था. साथ ही बायोमेट्रिक सुपरवाइजर गुड्डू कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. गुड्डू के सहयोग से ही केशव कुमार अपने भाई प्रदीप कुमार के नाम पर आईडी बनाकर बायोमेट्रिक कर्मी के रूप में काम कर रहा था. सदर एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती ने बताया कि रविवार को टीपी कॉलेज परीक्षा केंद्र पर दूसरी पाली की दरोगा भर्ती परीक्षा में केशव कुमार के बदले सत्यम कुमार परीक्षा दे रहा था. केशव अपने भाई के नाम पर आईडी कार्ड बनाकर बायोमेट्रिक कर्मी के रूप में काम कर रहा था. इस मामले में बायोमेट्रिक के सुपरवाइजर गुड्डू कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है.
मधेपुरा में शुक्रवार की रात आपसी विवाद में एक सनकी भाई ने दो बड़े भाई को गोली मार दी। जिसमें से एक भाई की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। जबकि दूसरे को सदर अस्पताल से पटना रेफर कर दिया गया है, जिसकी हालात गंभीर बनी हुई है। मृतक की पहचान भिरखी वार्ड-25 निवासी बालेश्वर भगत के बेटे सिंकू कुमार (32) के रूप में हुई। बताया गया कि कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष बालेश्वर भगत के तीसरे बेटे राहुल कुमार अपने से बड़े दो भाई रमण कुमार (40) और सिंकू कुमार (32) को गोली मार दिया। दोनों भाई को दो-दो गोली लगी है। मृतक आनंद कुमार उर्फ सिंकू कुमार मधेपुरा कोर्ट में अधिवक्ता भी थे और स्टाम्प वेंडर का काम भी करतेथे। वहीं रमन कुमार बालू-गिट्टी का थोक विक्रेता है। इधर पुलिस ने आरोपी राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। एएसपी प्रवेंद्र भारती ने बताया कि आपसी विवाद में सगे भाई ने अपने दो बड़े भाई को गोली मारी है। जिसमें से सिंकू कुमार की मौत हो गई है। दूसरे भाई को इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने गोली मारने की बात स्वीकारी भी है। रिपोर्ट:- कुमार दे
मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के राजनीति में एक बड़ा नाम और पकड़ रखने वाले 48 वर्षीय युवा समाजसेवी रमन कुमार झा के असामायिक निधन से प्रखंड क्षेत्र में जहां शोक व्याप्त है वहीं प्रखंड की राजनीति में एक अपूरणीय क्षति बताई जा रही है. प्रखंड के गणेशपुर पंचायत की राजनीत में वर्ष 2006 से विशेष पकड़ रखने सहित प्रखंड की राजनीति में हमेशा चाणक्य की भूमिका निभाने वाले युवा समाजसेवी रमन कुमार झा का रविवार की रात्रि में असामायिक निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था. उनके निधन की खबर से जहां उसके घर कोहराम मच गया वहीं गणेशपुर पंचायत सहित पूरे प्रखंड क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. जबकि सोमवार को उनकी शव यात्रा में गणेशपुर एवं पुरैनी पंचायत सहित प्रखंड क्षेत्र के हजारों लोग शामिल हुए. मालूम हो कि दिवंगत रमन कुमार झा के पिता स्वर्गीय श्यामा कांत झा 1978 से पुरैनी पंचायत के मुखिया रहे थे. मुखिया काल के दौरान ही 23 नवंबर 1989 में अपराधियों द्वारा पंचायत भवन के बगल में उन की निर्मम हत्या कर दी गई थी. वहीं उनकी माता स्वर्गीय निर्मला देवी वर्ष 2006 से 2016 तक
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