कोरोना से एक ही परिवार के दो युवक की मौत से वैश्य समाज मर्माहत

कहते हैं कि भगवान का भी अजब-गजब इम्तिहान है. लोग लाख प्रयास करे लेकिन जो ईश्वर द्वारा तय है वही होता है. ऐसा ही जिला मुख्यालय में एक परिवार समाज के हर दुख सुख में हाथ बढ़ाने वाले परिवार के ऊपर दुख का पहाड़ गिरा जो समाज के हर लोगों को विचलित कर गया. एक वर्ष के अंतराल में माता पिता के साथ दो जवान पुत्र काल के मुंह में समा गए.

जिला मुख्यालय के प्रतिष्ठित व्यवसायी स्व. रामानंद साह के परिवार के साथ घटित घटना से शहर के लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है कि आखिर भगवान उनके साथ ऐसा अन्याय क्यों किया. जो कि फिलहाल चर्चा का विषय बना है

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घटना से उन्हें जानने वाले लोग आहत हैं.  स्व. साह शहर में प्रतिष्ठित होटल लखनऊ ग्रांड होटल सहित अन्य व्यवसाय से जुड़े हैं. अचानक एक वर्ष पूर्व स्व. साह की पत्नी, स्व. साह का निधन हो गया. परिवार इस सदमे से उबर भी नहीं पाये थे कि एक माह पूर्व ही उनका पुत्र बैंक के ब्रांच मैनेजर रमेश कुमार कोरोना की जंग में जिन्दगी हार गये. जिसका सदमा झेल रहे परिवार में फिर एक सप्ताह पूर्व उनके दूसरे पुत्र राजेश कुमार कोरोना की चपेट में आ गए और आखिरकार जिन्दगी और मौत के जंग में हार गये, उनका निधन शनिवार की सुबह में हो गया.

आकस्मिक घटना पर प्रदेश अखिल भारतीय मध्यदैशीय वैश्य महासभा के जिला इकाई ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सीताराम साह, नगर अध्यक्ष  जय कुमार साह, हरिश्चन्द्र साह, गनपत साह, सुनील साह, हरि नन्दन हर्ष, अजय साह, सुभाष प्रसाद साह, राम जन्म साह, अर्जुन साह, शम्भू साह, अशोक साह, राजेश साह, रवि साह सहित सैकड़ो संगठन के नेताओं ने कहा कि स्व. साह का पूरा परिवार संगठन के प्रति जागरूक थे. साथ ही समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थे. संगठन ने सशक्त दो योद्धा को खो दिया, जिसकी भरपायी सम्भव नहीं है. ईश्वर उनके परिवार को शक्ति प्रदान करे. इस दुख की घड़ी में संगठन उनके साथ है.

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