मधेपुरा: मूसलाधार बारिश से हर ओर है पानी -पानी ,किसान परेशान
चौसा, मधेपुरा/ यास चक्रवर्ती तूफान से चौसा मुख्यालय सहित इलाके भर में मूसलाधार बारिश से जगह-जगह जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है।वहीं जनता हाई स्कूल खेल मैदान बारिश के पानी से तालाब में तब्दील हो गया है। जिससे खेल मैदान का नजारा अद्भुत दृश्य दिखने लगा है।अधिकारियों की मौन के कारण जल निकासी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ग्रामीणों ने उक्त खेल मैदान से जल निकासी की समस्या से निदान की मांग की है।
वहीँ चौसा-फुलौत मुख्य सड़क मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों में बारिश से किचड़ में तब्दील हो गया है । अनजान राहगीरों एवं वाहनों को गुजरना मुश्किल बन चूका है । सड़क पर गुजरते जलजमाव पानी से नारकीय स्थिति पैदा कर रहा है। बीआरसी परिसर, महादेव लाल मध्य विद्यालय एवं जनता हाई स्कूल मैं बारिश से पानी-पानी हो गया है।उक्त मामले को चौसा पश्चिमी पंचायत की मुखिया प्रतिनिधि सचिन उर्फ बंटी पटवे जी के सद्प्रयास से मिट्टी खेल मैदान में मिट्टी भराई का कार्य तो हुआ लेकिन जलनिकासी के अभाव में स्थिति जस की तस बनी हुई है । जलनिकासी के लिए मुखिया पटवे ने अधिकारियों से जल निकासी की मांग को रखा है। जबकि जनता हाई स्कूल खेल मैदान में लॉक डाउन के बाद प्रशासन द्वारा सब्जी हाट बाजार लग रहा था जो बारिश के पानी से तालाब में तब्दील हो गई है।
चक्रवर्ती तूफान व बारिस के कारण मक्के की फसल के साथ साथ मूंग की फसल को भारी नुकसान पहुंची है। पिछले दो-तीन दिनों से आंधी व बारिश से किसानोें को खाने-पीने और जीवन यापन करने की चिंता सताने लगी है। गुरुवार व शुक्रवार की अहले सुबह तेज आंधी के साथ हुई भारी बारिश के कारण कई लोगो के घरो में पानी जामा हो गया। संबंधित इलाको के लोगो को घरो में रहना मुश्किल हो गया।
वही आंधी-तूफान के दौरान चौसा पश्चमी,लौआलगान, अरजपुर,भटगामा,कलासन, मोरसंडा, रसलपुर धुरिया, पैना, चंदा, घोषई ,फुलौत,सहित कई जगहो में लगभग सेकड़ो हेक्टेयर में लगी मक्के व मुंग की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि अधिकांश किसान मक्के की फसल काटकर तैयारी में जुटे हुए थे खेत खलियान में मक्का मैं पानी लगने से अंकुर उड़ने लगा है जिससे किसान की चिंता सताने लगी है। किसान जंतरी शर्मा, प्रसादी शर्मा, महेशस्वर मेहरा, पन्ना मेहरा, शंकर मेहरा, बिसुंदेव मेहरा, सुधीर सिंह, मनोज सिंह ने कहा कि मक्के की फसल की आस पर ही घरेलू खर्च के साथ-साथ अन्य सारी आस टिका हुआ रहता है। लेकिन फसल बर्बाद होने से सारे आस पर पानी फिर गया है।
किसान ओमप्रकाश शर्मा,पन्ना सिंह, दीनबंधु सिंह, बासुदेव शर्मा, संजय मंडल, रितेश रंजन,अम्बिका मंडल, बिपिन मंडल ने कहा कि फसल लगाने के दौरान खाल बीज, जोताई, मजदूरो को कर्जा उठा कर रूपया दिये थे। फसल बर्बाद होने के बाद कर्ज वाले को रूपया देना तो दूर उन लोगो को जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया है।
Report By: Devashish Yadav
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