चैती छठ पूजा के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य काे दिया अर्घ्य

वहीं, सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत का समापन होगा. अर्घ्य के दौरान केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय..., कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..., सेविले चरण तोहार हे छठी मइया, महिमा तोहर अपार..., उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर... आदि गीतों से नदी घाट गूंजते रहे. वहीं खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आई नगर परिषद ने सुपरवायेजर अन्वर आलम के द्वारा छठ घाट की सफाई करवाई गई. इस दौरान छठ घाट पर अवस्थित काली मंदिर व्यवस्था गोपी पंडित भी मौजूद रहें. उन्होंने सभी छठ व्रतियों से शांति एवं श्राद्ध भाव से छठ मनाने की अपील की.
मधेपुरा खबर।
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