उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व संपन्न
इस मौके पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा था. गन्ना, नारियल, सिंघाड़ा, मोसम्मी फल अर्पित कर महिलाओं ने छठ माता की पूजा की. मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के घाटों पर आस्था का यह महापर्व मनाया गया. इस दौरान गन्ने का मंडप बनाया गया. शुक्रवार से भोजपुरी समाज के घर-घर में नहाय-खाय की रस्म के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई थी. शनिवार को खरना की रस्म के साथ व्रत शुरू हुआ था. शनिवार को खरना की रस्म के बाद शाम से महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ.
घाटों पर थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महापर्व छठ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील घाटों पर एसडीआरएफ एवं स्थानीय गोताखोरों की पुलिस बल के साथ तैनाती की गई थी. मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत रामपुर पंचायत के सुरसर नदी के तट पर एसडीआरएफ की टीम के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल कुमार एवं अंचलाधिकारी मुकेश कुमार सिंह सुबह और शाम के समय मौजूद थे.
नगर पंचायत क्षेत्र के बेंगा नदी के किनारे बलुआहा और गोपाल गौशाला के तालाब में भुवनेश्वर मुरहो उच्च विद्यालय प्रखंड कार्यालय परिसर के पीछे बने तालाब में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह और शाम देखी गई. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भुवनेश्वर मुरहो उच्च विद्यालय परिसर में भगवान सूर्य देव की मूर्ति स्थापित की गई थी जहां शनिवार शाम से ही मेले का आयोजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मेले में मौत का कुआं सहित बच्चों की खेलने एवं विभिन्न तरह के स्टाल लगाए गए थे.
संवाददाता: संजय कुमार (मधेपुरा टाइम्स)
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