मधेपुरा में हुआ को-ऑपरेटिव बैंक का उद्घाटन, किसानों को मिलेगी मदद
(सभी फोटो: विकास समीर) |
मधेपुरा जिला मुख्यालय में बुधवार को बिहार राज्य को-ऑपरेटिव बैंक का उद्घाटन ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, बिहार राज्य कोऑपरेटिव विभाग के सचिव वंदना प्रेयसी, चेयरमैन रमेश चन्द्र चौबे, मैनेजिंग डायरेक्टर अखिलेश कुमार के द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया।
वहीं बिहार राज्य कोऑपरेटिव बैंक के मधेपुरा शाखा के उद्घाटन समारोह में जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीणा, डीडीसी नितिन कुमार सिंह, डीजीएम मनोज कुमार, डीसीओ अरविंद कुमार पासवान के द्वारा विधिवत फीता काट एवं दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। मधेपुरा शाखा जिला मुख्यालय के साइन प्लाजा में अवस्थित है. इस मौके पर डीएम, डीडीसी, डीजीएम को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस
दौरान डीएम श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि जिले में सहकारिता बैंक खुलने से जिले के किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पहले मधेपुरा में कोऑपरेटिव बैंक था जो तकनीकी कारणों के कारण बंद हो गया। जिसके बाद मधेपुरा को एक कोऑपेरेटिव बैंक की आवश्यकता थी। यहां ज्यादातर लोग कृषि से जुड़े है जिससे यहां के किसान को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 171 पैक्स है जहां धान अधिप्राप्ती होती है। अब पैक्स अध्यक्ष को अधिप्राप्ति के बाद किसानों के भुगतान के लिए जिले से बाहर जाना होता था लेकिन अब नहीं जाना होगा। डीएम श्री मीणा ने कहा कि बिहार राज्य सहकारिता बैंक, पैक्स के माध्यम से खरीद बिक्री के सभी इंतजाम की देख रेख करते हैं। किसानों के संकट की घड़ी में यह बैंक उनकी मदद के लिए सबसे अधिक कारगर सिद्ध होता है।
वहीं डीजीएम मनोज कुमार ने बिहार कोऑपरेटिव बैंक की उपलब्धि को बताते हुए कहा कि इस बैंक को 16 मार्च 1914 को सहकारी समिति अधिनियम 2 1912 के तहत बिहार और उड़ीसा प्रांतीय सहकारी बैंक के नाम से पंजीकृत किया गया था। वर्ष 1936-37 में उड़ीसा के अलग होने के बाद इसका संचालन का क्षेत्र बिहार तक ही सीमित था और दिसंबर 1950 में इसका नाम बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के रूप में बदल दिया गया था। सहकारी बैंक को बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के लागू होने के बाद पहली तारीख को मार्च 1966 में इस बैंक को जुलाई 1966 के महीने में भारतीय रिजर्व बैंक की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया था। पहले, बैंक व्यापारिक व्यवसाय भी कर रहा था, लेकिन बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ की स्थापना के बाद इस व्यवसाय को बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ में स्थानांतरित कर दिया गया था। अधिनियम और नियमों के अनुसार एक वितीय बैंक के रूप में कार्य करना और सामान्य व्यवसाय करना ही इसके उद्देश्य में शामिल है। राज्य सहकारी बैंक अपने तीन महत्वपूर्ण कार्यों के कारण सहकारी ऋण संरचना में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं।
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