मधेपुरा : ऑपरेशन के दौरान मरीज की मौत के बाद काटा बवाल, बाद में 4.50 लाख में मामले को किया गया रफा दफा

मधेपुरा/ जिला मुख्यालय से सटे मानिकपुर चौक के समीप बीती रात वर्षा हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान प्रसव पीड़ित मरीज की मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया । बताया गया कि जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल के बराही आनंदपुरा यादव नगर वार्ड संख्या एक निवासी सुमन यादव की 25 वर्षीय पत्नी रुकमणी देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्हें शनिवार के दोपहर को परिजनों ने वर्षा हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहाँ ऑपरेशन के बाद इलाज के दौरान मौत हो गयी । घटना से आक्रोशित परिजनों ने लाश को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रख कर हंगामा शुरू कर दिया । घटना के बाद मौके से अस्पताल के सभी कर्मी फरार हो गया ।

परिजनों ने बताया कि यह हॉस्पिटल सुपौल के डॉ बीके यादव के द्वारा संचालित है यहाँ कभी कभार ही डॉक्टर आते है अधिकांश इलाज नर्स और कर्मचारी के द्वारा ही किया जाता है। ऑपरेशन के बाद अस्पताल में कोई भी चिकित्सक मौजूद नही थे। परिजनों के द्वारा डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है 

अस्पताल में हो रहा था हंगामा,दरोगा जी मोबाइल में देख रहे थे भोजपुरी गाना : वर्षा हॉस्पिटल में मरीज के मौत पर परिजनों के द्वारा हंगामा करने की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस मूकदर्शक की भूमिका निभा रही थी.  एक तरफ अस्पताल में परिजनों के द्वारा हंगामा किया जा रहा था तो दूसरी तरफ अस्पताल परिसर में ही ड्यूटी पर मौजूद भर्राही ओपी के दरोगा जी आक्रोशितों को शांत कराने के बजाय बाइक पर बैठकर मोबाइल में भोजपुरी गाने का वीडियो का आनंद ले रहे थे । एक युवक के द्वारा जब उन्हें लोगों को शांत कराने के लिए कह कर उनके भोजपुरी गाने के आनन्द में खलल डाल दिया फिर क्या था दरोगा जी युवक को अच्छे से कानून का पाठ पढ़ाने लगे । गौरतलब हो कि डीजीपी के द्वारा शख्त निर्देश दिया गया है कि ड्यूटी के दौरान मोबाइल चलाने वाले के खिलाफ शख्त कार्यवाही की जाएगी इसके बावजूद भी हंगामा के दौरान दरोगा जी मोबाइल में वीडियो देख रहे थे। वो तो भला हो स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बृद्धिजी का जिन्होंने आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया । अब देखना है कि ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने वाले दरोगा जी पर पुलिस कप्तान के द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है ।

4.50 लाख में मामले का किया गया निपटारा : मरीज के मौत पर रात भर हो रहे हंगामे के बाद सुबह सड़क जाम करने की योजना को देख हॉस्पिटल संचालक की तरफ से मामले को निपटाने की पहल शुरू की गई । लेकिन परिजनों के द्वारा डॉक्टर को बुलाने एवं हॉस्पिटल संचालक पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे । लेकिन जब परिजनों को केस में फंसाने की धमकी दी जाने लगी तब अन्ततः काफी मान मनोव्ल के बाद 4 लाख 50 हजार पर बात बनी और एक लाख रुपया नगद और 3.50 लाख का चेक देकर मामले को रफा दफा कर दिया गया ।

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