बिना वैक्सीन लिए मिले प्रमाण पत्र मामले में अधिकारियों की टीम पहुँची लाभार्थी की घर
त्रिवेणीगंज, सुपौल/ अनुमंडलीय अस्पताल अपने अजब- गजब कारनामे को लेकर काफी चर्चित है, यू कहें तो सवालों के घेरे में रहना अस्पताल का आदतन सा बन गया है। शनिवार को एक छात्रा का बगैर कोरोना टीकाकरण के ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र जारी होने का मामला सामने आया था, जिसकी शिकायत छात्रा ने जिलाधिकारी सुपौल महेंद्र कुमार से की। जैसे ही मामले डीएम के संज्ञान में आया तो हरकत में आए स्वास्थ्य महकमा रविवार को छात्रा के घर पहुँचकर वैक्सिनेशन लेने की बात छात्रा से कही, लेकिन छात्रा टिका लेने से इंकार करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए विभाग पर आरोप की बौछार लगा दी।
अधिकारियों की टीम काफी देर तक छात्रा और उसके परिजन को कोविड 19 का वैक्सीन लगाने के लिए मान मनोवल में जुटे हुए रहें, लेकिन छात्रा टीका लगाने से मना कर रही है औऱ लापरवाह कर्मियों पर कार्यवाई की मांग कर रही है।
एएसडीएम प्रमोद कुमार, प्रभारी उपाधीक्षक डॉक्टर वीरेंद्र दर्वे और जिलाधिकारी के कहने पर जिला से यूनीसेफ कॉर्डिनेटर अनुपमा चौधरी छात्रा के घर पहुंच कर छात्रा को टीका लगाने के लिए मान मनोवल करने में लगे रहे जो असफल रहा औऱ सभी अधिकारियों को निराश होकर बैरंग लौटना पड़ा।
इस दौरान जब अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो सभी मामला से पल्ला झाड़ते हुए कुछ भी बताने से इनकार करते रहे।
दरअसल 18 वर्षीय छात्रा स्वीटी प्रिया कोविड 19 का टीका लगाने के लिए त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल द्वारा संचालित मध्य विद्यालय लालपट्टी स्थित वैक्सिनेशन सेंटर पर शनिवार को तय समय पर पहुँची तो वैक्सिनेशन सेंटर बंद मिला। जिसके बाद छात्रा स्वीटी प्रिया अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज पहुँचकर वैक्सिनेशन सेंटर बंद होने का कारण जानना चाही तो अस्पताल में मौजूद कोई भी कर्मी कुछ बताने को तैयार नहीं थे।
फिर छात्रा ने अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक से मोबाइल पर सम्पर्क की तो उनके द्वारा कोई रिस्पांस नहीं लिया गया।इतने देर में छात्रा स्वीटी प्रिया का बिना टीकाकरण के ही पहले डोज का वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र जारी हो गया। इन सभी बातों की जानकारी छात्रा स्वीटी प्रिया द्वारा जिलाधिकारी को दी गई थी।
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