मधेपुरा: कितने शंकर की मौत के बाद सुधरेगी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था

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कितने शंकर की मौत के बाद सुधरेगी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था

मधेपुरा। स्वास्थ्य मंत्री के तथाकथित विश्वस्तरीय मेडिकल कॉलेज की लापरवाही कितने शंकर की जा

कोरोना से बिल्कुल मौत को रोका नही जा सकता है। लेकिन लापरवाही से होने वाली मौत को रोका जा सकता है।समय पर इलाज प्रारंभ हो जाने से गंभीर मरीजों की जान बच सकती है। सुपौल के प्रतापगंज प्रखंड के सुरजापुर गांव के युवक शंकर भगत की मौत इसी लापरवाही से हुई। दो से तीन अहम दिन अररिया से मेडिकल कॉलेज के बीच चक्कर लगाते बीत गया। अररिया से रेफर होकर पहले मधेपुरा भेजा गया। लेकिन रात भर एंबुलेंस पर रहने के बावजूद ऑक्सिजनकी कमी बताकर बिना भर्ती किए लौटा दिया गया। दो दिन बाद पुन: अररिया से वापस भेजने पर भर्ती तो लिया गया लेकिन तब तक मरीज की स्थिति बिगड़ चुकी थी। और 17 मई को मरीज की मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज में अब तक हुई मौत जिला मृतकों की संख्या मधेपुरा : 53 सहरसा : 14 पूर्णिया : 11 कटिहार : 12 अररिया : 15 सुपौल : 04 भागलपुर : 01 किशनगंज : 02 बेगूसराय : 01

कोट मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा पूरी समर्पण के साथ मरीजों की देखभाल की जाती है। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। अगर ऐसा कोई मामला सामने आएगा तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -वैद्यनाथ ठाकुर, अधीक्षक

जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज,मधेपुरा

Devashish Yadav Madhepura News Today's 

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